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याचिका


अलजामियातुल कादरिया में उलूम-ए-इस्लामिया व उलूमे असरिया की मिअ़यारी ताअलीम दी जाती है और इस मिअ़यारी काम के लिए तकरीबन 100 मुअल्लिमीन व मुअल्लिमात दिन रात जिद्दो जहद करते हैं और तकरीबन 1000 तलबा व तालिबात हिन्दुस्तान के मुख्तलिफ सूबों के ज़ेरे तालीम हैं जिन के क़याम व तआम, कुतुब और जुमला ज़रूरियात का इन्तिज़ाम जामिया की तरफ से मुफ्त में किया जाता है।

जामिया के मुख्तलिफ ताअलीमी, तह़क़ीक़ी, तसनीफी और तबलीग़ी शोअबों से इस्तेफादा करने वालों की तादाद अल्हम्दुलिल्लाह बढ़ती ही जा रही है। जिसके बाइस अब तक की ताअमीरात न काफी हो गयी हैं। इसलिए चन्द ताअमीरात का सिलसिला बड़े पैमाने पर जारी है।

जामिया के जुमला मसारिफ व खर्च का मदार अल्लाह ताअला की तौफीक से सिर्फ अहले खैर हज़रात के माली तआवुन पर है। जामिया के अराकीन जुमला अहले खैर हज़रात से अपील करते हैं कि जामिया का तआवुन फरमाकर इन्दल्लाह माजूर हों।


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